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नितिन सिंह राणा ✍️
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लोकतंत्र (लूट तंत्र) देश आजाद होने से आज तक की बात करें तो राजपूतों की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति निरंतर कमजोर होती जा रही है, और आजादी से पहले जिन वर्गों की स्थिति दयनीय थी वह आज पूर्णतया संपन्न हो चुके हैं,
इस लोकतंत्र में मात्र अकेली राजपूत कौम ही है जिसने इस लोकतंत्र में राजनीतिक फायदा नहीं उठाया है, क्योंकि इस देश की विभिन्न चलाक जातियों ने समय-समय पर राजनीतिक गठबंधन करके अपनी जाति वर्ग को मजबूत किया है, उत्तर प्रदेश और बिहार की बात करें तो 30 साल पहले अहिरो की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी! उन्होंने धर्म को अलग रखकर राजनीतिक गठबंधन किए और आज सभी विभागों में इनके काफी संख्या मे बड़े बड़े अधिकारी हैं, और सरकारी ठेकों में भी ये हमारे से कई गुणा आगे है, और आज हर तरीके से मजबूत हो गए हैं! उत्तर प्रदेश में किसानों का नारा देकर किसान नेता बने चौधरी चरण सिंह जो किसान एकता से उत्तर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री बने और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने,अगर हम बात ब्राह्मण समाज की करे तो इन्होंने तो शुरु से ही सत्ता की मलाई खाई है, चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की , आज अपने आप को सबसे बड़े हिंदूवादी यही लोग मानते हैं, लेकिन जब उत्तर प्रदेश में एक बदमाश का एनकाउंटर हो जाता है तो किस तरह एजेंडा बनाकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरते हैं, वह भी उस बदमाश के लिए जिसने सबसे ज्यादा ब्राह्मणों को ही मारा है आज , उत्तर प्रदेश में सत्ता की सबसे ज्यादा मलाई खाने वाला वर्ग भी यही है, यही लोग किस तरह वर्तमान में भारत के सबसे ज्यादा हिंदूवादी छवि के मुख्यमंत्री को जाति के नाम पर घेरते हैं, और किस तरह सत्ता परिवर्तन के अवसर तलाशते हैं,
और अब बात करते हैं राजपूत समाज की तो इनको किसी एक संगठन ने धर्म और राष्ट्रवाद के एसे नशे का सेवन कराया हुआ है, कि इन्हें पता ही नहीं है कि क्या सही है और क्या गलत है, इन झूठे संगठनों के बहकावे में आकर किसी भी धर्म को कुछ भी बोल देते हैं,, जबकि हमें राजपूत कहकर कोई भी धर्म कुछ नहीं बोलता हमारे अपने धर्म के लोगों के सिवाय मैंने कुछ लोगों की प्रोफाइल चेक की है उसमें लिखा है (फलाना ठाकुर #बीजेपी) मुझे एक बात बताइए अब तुमने अपने कुल के नाम से ज्यादा तवज्जो, इन राजनीतिक पार्टियों को देनी शुरू कर दी है क्या कुछ लोग तो समाज से ज्यादा इन राजनीतिक पार्टियों के वफादार ज्यादा है, अगर हम किसी भी विशेष राजनीतिक पार्टी की अंधभक्ति कर रहे हैं यह देखे बिना कि उसने हमारे अधिकारों का हनन किया है तो हम अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं अगर आज भी राजपूत समाज इन अवसरवादी वर्गों की तरह अपना कोई राजनीतिक ग्राफ नहीं बनाता है, तो आने वाले 5 – 10 साल में भारत की सबसे पिछड़ी कौम हमारी ही होगी इसलिए किसी का हद से ज्यादा अंधभक्त होना भी घातक हो सकता है, इसलिए जो भी राजनीतिक पार्टी हमें और हमारे समाज को तवज्जो दे हमें उस का साथ देना चाहिए जिससे कि हम अपने आने वाली पीढ़ियों का भविष्य उज्जवल बना सके,
अगर किसी को कोई बात बुरी लगी हो तो माफी चाहूँगा आपका अपना भाई
#नितिन सिंह राणा