By Amit Singhji –
क्षत्रिय समाज ने कभी भी भविष्य की राजनीति नहीं की है ।इसीलिए आज क्षत्रिय समाज राजनीति में निरंतर पतन की ओर अग्रसर हो रहा है।
बिहार में नीतीश कुमार ने विश्वनाथ प्रताप सिंह वाली पॉलिसी अपनाई हुई है। इसलिए आबादी में कम होते हुए भी नीतीश कुमार सफल हैं।
अधिकतर राजनीतिक दलों ने विश्वनाथ प्रताप सिंह की पॉलिसी अपनाई हुई है और अधिकांश राजनीतिक दल विश्वनाथ प्रताप सिंह की पॉलिसी को अपनाकर राजनीतिक रूप से सफल हैं।
दोनों बड़े राष्ट्रीय राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ,विश्वनाथ प्रताप सिंह की पॉलिसी को अपनाने से, इंकार करने के बजाय ,उससे एक कदम आगे बढ़कर, स्वयं को राजनीतिक रूप से अधिक सफल बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
और हमारा समाज केवल विश्वनाथ प्रताप सिंह की आलोचना से ही स्वयं को संतुष्ट कर लेता है और विश्वनाथ प्रताप सिंह की पॉलिसी से एक कदम आगे बढ़कर कार्य करने वाले भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय राजनीतिक दलों का पिछलग्गू बनकर कार्य करने के लिए तैयार है। और ऐसे राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को भरपूर वोट भी कर रहा है।
क्षत्रिय समाज की यह कैसी सोच है कि एक तरफ विश्वनाथ प्रताप सिंह की आलोचना भी करें और दूसरी तरफ से विश्वनाथ प्रताप सिंह की नीतियों को लागू कर ,राजनीति में आगे बढ़ने वाले राजनीतिक दलों को वोट भी कर रहे हैं।
हमारा समाज जरा सा भी नुकसान उठाने का खतरा मोल नहीं लेना चाहता। इसलिए राजनीति में आज सभी का पिछलग्गू बना हुआ है।
थोड़ा नुकसान उठाकर अगर ज्यादा फायदा मिलता है ।तो हमें थोड़ा नुकसान उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सभी जातियां एवं राजनीतिक दल कितने प्रयोग और समझौते कर रहे हैं कि किसी तरह से थोड़ा बहुत नुकसान उठा कर ,बस राजनीति के शीर्ष पर बने रहें।
लेकिन क्षत्रिय समाज किसी प्रयोग और समझौते के लिए कभी तैयार नहीं दिखता है ।विशुद्ध आदर्शवादी आचरण करने का प्रयास करता है ।जो कि वर्तमान लोकतांत्रिक और राजनीतिक माहौल में आगे बढ़ने के लिए संभव ही नहीं है।
नये राजनीतिक एवं सामाजिक परिवर्तनों के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए ।भले ही उन नये राजनीतिक एवं सामाजिक परिवर्तनों से थोड़ा बहुत नुकसान होने की संभावना ही क्यों ना हो।
क्योंकि राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियां समय-समय पर परिवर्तनशील होती हैं।
केवल पुराने स्थापित सिद्धांतों पर चलकर ,नए राजनीतिक एवं सामाजिक परिवर्तनों के साथ, ना तो सामंजस्य बिठाया जा सकता है ।और ना ही उनका मुकाबला किया जा सकता है।