Dr Yashpal Singh Tanwar, Orthodontist & a young activist with Kshatriya Yuva Sangh ✍️ :

हुकम यह हरीराय चौहान यानी राणा हरराय चौहान की समाधि जिसको राणा पीर के नाम से भी पूजा जाता है I यह स्थान करनाल के पास जुंडला नामक गांव पर है जो कि एक समय में चौहानों की उतर हरियाणा में राजधानी थी I इस स्थान पर कोई भी राजपूत आता नहीं फिर भी हमने धीरे-धीरे करके सभी को जागृत किया I यहां के महंत नाथ संप्रदाय के बाबा है उनकी सहायता से यहां पर कुछ कंस्ट्रक्शन किया और स्मृति समारोह मनाया।
कमाल की बात यह है कि यह जगह वक्फ बोर्ड की जमीन पर है और इस जमीन पर जाटों ने कब्जा कर रखा है I फिर मैंने धीरे धीरे घूम कर यहां के चौहानों को बताया कि यह तुम्हारे पूर्वज हैं और यहां पर राजपूत कालीन उनकी छतरी भी है जिसको जाटों ने क्षतिग्रस्त कर रखा है जो कि तालाब के बीच में है I यहां तकरीबन सभी गांव चौहानों के हैं पर उनके अंदर इस स्थान की कोई महत्वता नहीं है उसका कारण मैं बताता हूं क्यों पहला कारण है आर्य समाज दूसरा कारण है बीजेपी और आरएसएस और इस स्थान पर जब जाटों ने कब्जा शुरू किया तब मैं दिल्ली गया और दिल्ली में सिर्फ सलमान खुर्शीद ने मुझे आश्वासन दिला कर वक्फ बोर्ड से बात की किसी भी हिंदू ने इस स्थान के प्रति कोई श्रद्धा नहीं दिखाई I और इस समाधि को उखाड़ने की बातें करते रहे पर यह समाधि राजपूत कालीन ईटों से बनी हुई है और पुरातत्व विभाग से भी मैंने संपर्क किया I उन्होंने भी बिना राजनीतिक इच्छा के इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहा I हरि राय चौहान के वंशज आज कुछ मुस्लिम बन गए जो कि पाकिस्तान में मियांवाली जिला में आज भी विराजमान है और उन लोगों से भी मैंने संपर्क साधा और इतिहास को धीरे धीरे समझना शुरू किया तो मालूम पड़ता है कि यहां पर राजपूतों ने कितना बड़ा बलिदान दिया I आज पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर में कुछ गांव हरि राय चौहान के वंशजों के हैं करनाल यमुनानगर अंबाला जितने भी चौहान हैं वह सब हरि राय के वंशज हैं एक गांव में हम गए उनके जीवन का परिचय दिया बीजेपी और आरएसएस और दूसरे संगठनों ने इस कार्य में बाधा डाली संगोष्ठी की इतिहासकारों की जिला के अंदर ही जिसमें बीजेपी ने पूरे प्रोग्राम को हैक करना चाहा और कुछ को दिल्ली युनिवर्सिटी के ब्राह्मणों को बुलाया।
आज यह स्थान खुद राजपूतों की निकम्मे पन की वजh से निर्जर पड़ा है और यहां के आसपास के जितने भी राजपूतों से मैंने संपर्क किया कोई बीजेपी का पदाधिकारी है कोई कांग्रेस का पदाधिकारी है और बोलते कि तवर साहब क्यों परेशान हो रहे हो इन चीजों में कुछ नहीं रखा इसका कारण सिर्फ यही है कि हम ऐसे राजपूत नहीं रहे जो अपने इतिहास अपनी परंपरा अपनी लीगेसी के लिए फाइट करें आज तरावड़ी के अंदर पृथ्वीराज चौहान का किला है जिस पर आज भी पंजाबियों ने कब्जा कर रखा है आज तो मुस्लिम नहीं है फिर भी उस किले को क्षतिग्रस्त कर रखा है कितनी बार राजपूतों ने कहा कि इसकी लोगों खाली कराकर एक संग्रहालय बनाया जाए पृथ्वीराज चौहान पर सभी पंजाबियों ने मना कर दिया खाली करने से यह हमारी स्थिति है मेरे मन के अंदर बहुत पीड़ा होती है जब हम अपना फालतू समय नेताओं की चमचागिरी करने में पनडों को धोक लगाने में या फिर व्यर्थ के कामों में अपना समय गवा देते हैं आज हमें सिर्फ अपने जैसे कुछ लोगों की आवश्यकता है जो स्वयं ही दिशा बदल सकते हैं।
इस पूरे मैटर में मुस्लिम राजपूतों ने मेरी ज्यादा मदद की बजाय आर एस एस के चमचे आर्य समाज के नकली राजपूतों द्वारा ।।